हमसफ़र 15 पॉर्ट सीरीज पॉर्ट - 11
हमसफ़र (भाग - 11)
समय बीत रहा था। सुमित का स्कूल प्रारंभ हो चुका था। वह अपने स्कूल के कार्य में व्यस्त हो गया था। परंतु व्यस्तता के बाद भी वह वीणा का पूरा ध्यान रखता। प्रत्येक दिन एक बार उसे जरूर फोन करता और उसके समाचार लेता।
वीणा का यूपीएससी का प्रारम्भिक परीक्षा का रिजल्ट आ चुका था। उसने उत्तीर्ण कर लिया था। अब उसे मुख्य परीक्षा देनी थी। इस बार उसने मुख्य परीक्षा की भी तैयारी की थी। प्रारंभिक परीक्षा दिलवाने सुमित ही उसे ले गया था। वह कितना भी व्यस्त हो फिर भी वीणा की समस्याओं के समाधान के लिए समय निकाल ही लेता।
मुख्य परीक्षा की भी तिथि और कार्यक्रम आ चुका था। इसमें कई दिन लगने थे तो इसमें साथ में वीणा की मां को जाना था। लेकिन ठहरने की व्यवस्था आने जाने की पूरी व्यवस्था सुमित ही कर रहा था।
परीक्षा की तिथि भी आ गई। साथ में सुमित जाकर उन्हें छोड़कर और परीक्षा केंद्र के पास ही इन दोनों मां बेटी के रहने की व्यवस्था करके वापस आया।
परीक्षा देकर वापस आने के बाद वीणा आश्वस्त थी कि वह मुख्य परीक्षा निकाल लेगी।
और वास्तव में हुआ भी यही मुख्य परीक्षा में वीणा का नंबर काफी अच्छा था इसलिए उम्मीद थी सबको कि वह साक्षात्कार में अवश्य सफल होगी।
वीणा परीक्षा के बाद फिर स्कूल में पढ़ाने में लग गई।
इस बीच वीरेन भी अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका था और वह प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था जिसमें वीणा उसकी सहायता कर रही थी।
कभी-कभी सुमित के माँ पापा भी वीणा और उसके परिवार से मिलने आ जाते। और कभी उन्हें भी अपने यहां आमंत्रित करते। दोनों परिवार का संबंध बिना विवाह हुए ही काफी निकट का हो गया था।
साक्षात्कार की तिथि आई और वीणा साक्षात्कार देने दिल्ली गई l इस बार सुमित और वीणा की मां उसके साथ थे।
साक्षात्कार के बाद सुमित ने वीणा से पूछा - " कैसा रहा तुम्हारा साक्षात्कार"।
वीणा - "मेरे विचार से तो अच्छा ही रहा। मैंने उनके सभी प्रश्नों के जवाब दिये। मेरे विचार से बोर्ड के सदस्य मेरे उत्तर से संतुष्ट थे। अब आगे तो परिणाम ही बताएगा"।
सुमित - "अब जो भी होगा देखा जाएगा"।
घर वापस आने के बाद वीणा की माँ ने उससे कहा - "बिटिया तुमने मुझे कहा था इस बार एक मौका देने के लिए। तुमने प्रारंभिक परीक्षा भी उत्तीर्ण की और मुख्य परीक्षा भी उत्तीर्ण की। मैंने तुम्हें बीच में शादी के लिए एक बार भी कुछ नहीं कहा। परंतु अब तो तुम साक्षात्कार दे चुकी हो। अब तो तुम्हें कोई तैयारी नहीं करनी है। तो शादी के लिए हां कर दो"।
वीणा - "ठीक है माँ आपकी जो मर्जी हो वह करो। यदि मेरा चयन नहीं भी होता है तो अगले चांस के लिए इंतजार करने के लिए नहीं कहूंगी। फिर मैं शादी के बाद ही करूंगी तैयारी। मुझे पता है कि सुमित मुझे कभी भी इसके लिए मना नहीं करेंगे। वैसे मुझे उम्मीद है इसी बार चयन हो जाना चाहिए। तो अब तुम जो भी तारीख चाहो तय कर सकती हो"।
वीणा के घर में तो इस जवाब से खुशियां ही छा गईं। वीणा के पिता अगले दिन ही सुमित के घर जाकर शादी का दिन तय करने की बात की। सुमित के पिता ने कहा - "क्या मैं एक बार स्वयं वीणा से बात कर सकता हूं। मैं उसके मुंह से हां सुनना चाहता हूं"।
वीणा के पिता ने उन्हें अगले दिन ही अपने घर आने के लिए आमंत्रित कर लिया।
अगले दिन संध्या समय सुमित का पूरा परिवार वीणा के घर था। सामान्य शिष्टाचार कुशल क्षेम के बाद वीणा से सुमित के पिता ने पूछा - "बिटिया क्या तुम्हें पता है तुम्हारे पिता कल मेरे पास गए थे"।
वीणा - "जी मुझे पता है"।
सुमित के पापा - "क्यों गए थे यह पता है"।
वीणा - "जी पता है"।
सुमित के पापा - "फिर तुम्हारा क्या विचार है। मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं"।
वीणा - "जी आप बड़े जो भी फैसला करेंगे मुझे मंजूर है। मुझे उम्मीद है इस बार में मेरा चयन हो जाएगा। फिर मुझे प्रशिक्षण में जाना होगा। इसमें भी समय लगेगा। आगे आप लोग जो उचित समझें"।
सुमित के पापा वीणा की बात समझ गये। उन्होंने कहा - "बिटिया समय मांगती है प्रशिक्षण लेने के लिए। लेने दीजिए इसे प्रशिक्षण। प्रशिक्षण लेने के बाद ही हम लोग शादी करेंगे"।
इस पर तय हो गया कि जब वीणा का प्रशिक्षण समाप्त होगा उसके बाद ही शादी होगी। वीणा की माँ तो इस बात से दु:खी हो गई लेकिन अब वह कुछ भी नहीं कह सकती थी।
इस प्रकार वीणा अपने स्कूल में कार्य के साथ साक्षात्कार की तैयारी में व्यस्त हो गई और सुमित अपना स्कूल देख रहा था।
निर्मला कर्ण
क्रमशः
Harsh jain
04-Jun-2023 02:02 PM
Nice 👍🏼
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Alka jain
04-Jun-2023 12:50 PM
V nice 👍🏼
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वानी
01-Jun-2023 07:00 AM
Nice
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